305 Part
89 times read
0 Liked
मेरे जाने के दिन गौहर फिर मेरा बैग उठाकर प्रस्तुत हो गया। इसकी जरूरत न थी, नवीन तो शर्म से प्राय: अधमरा हो गया, पर उसने एक न सुनी। ट्रेन में ...